Bhadra news:27 June
पूर्व विधायक जयदीप डूडी का भविष्य क्या होगा
अगर किसी कारणवश कांग्रेस इनको टिकट नही देती है तो इनका राजनीतिक करियर खत्म हुआ समझ सकते है।पिछले विधानसभा चुनाव में इनका चुनाव न लड़ने का फैसला गलत साबित होता नजर आ रहा है।बताया तो यह भी जाता है कि इन्होंने अपने वोटरों को बलवान पूनियां को वोट देने का इशारा दिया था।उस समय इनकी सोच यह थी कि उस समय के कांग्रेस प्रत्याशी डॉ सुरेश भड़िया को कम से कम वोट मिले।वो इस तरह से कांग्रेस हाई कमान को यह संदेश देना चाहते थे कि सुरेश भड़िया कमजोर प्रत्याशी है।
जयदीप डूडी द्वारा कॉमरेड बलवान पूनियां को अंदरखाने समर्थन दिया गया था जिसके कारण बलवान पूनियां चुनाव में विजय हुए थे।अब के हालात को देखते हुए लग रहा है कि कॉमरेड बलवान पूनियां या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व कांग्रेस के सयुंक्त उम्मीदवार होंगे या केवल कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे।अगर ऐसा होता है तो जयदीप डूडी भादरा की राजनीती से खत्म हो जाएंगे।उनका भादरा की राजनीति में वापसी करने का एक ही रास्ता बचेगा जो आप आगे पढ़ सकते है।
भादरा की राजनीति में बने रहने का एक ही रास्ता बचता है।
इस वक्त हम यह मान कर चल रहे है की जयदीप डूडी को भादरा विधानसभा से कांग्रेस ने उम्मीदवार नही बनाया है।भादरा की राजनीति को देखते हुए उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ना चाहिए।ऐसा हाल फिलहाल तो कही नजर नही आ रहा है की वो निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत जाएंगे मगर भादरा विधानसभा क्षेत्र में भविष्य की राजनीति के लिए जीवित रहेंगे।यहाँ एक आशा यह भी है की भादरा की जनता का मूड अगर बदल गया तो वो पार्टीबाजी से हटकर निर्दलीय पर कई बार मेहरबान हुई है जिसके फलस्वरूप जयदीप डूडी भी ऐतिहासिक जीत दर्ज कर चुके है।इसके अलावा भी उनके सामने एक ओर रास्ता बचता है जो आप आगे इसी आर्टिकल में पढ़ सकते है।
किसी अन्य दल में भी शामिल होकर अपना राजनीतिक करियर बचा सकते है
हालांकि इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है लेकिन राजनीती में सम्भावना से ज्यादा उस समय के समीकरण के अनुसार कुछ भी सम्भव है।अभी यह कहना जल्दबाजी होगी लेकिन हो सकता है कि जयदीप डूडी आम आदमी पार्टी से चुनाव प्रतयाशी नजर आ जाए।भादरा की राजनीती में हमेशा तीसरा पक्ष चर्चा में रहता है।ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस में टिकट न मिलने पर वह आम आदमी पार्टी या हनुमान बेनीवाल की पार्टी में नजर आए।इन सब मे हम बसपा का नाम भी जोड़ सकते है क्योंकि भादरा की राजनीति में बसपा का थोड़ा बहुत जनाधार हर बार रहा है।
खुद जयदीप डूडी के बारे में राजनीतिक विशेषज्ञों की क्या है राय
भादरा के राजनीतिक विशेषज्ञ अभी भी मानते है कि जयदीप डूडी के वोटों की गिनती 20 हजार से शुरू होती है।अगर पूर्व विधायक जी अपने पुराने कार्यकर्ताओं में जोश भर देते है तो इनका चुनाव में दमदार परिणाम आएगा और हो सकता है कि चुनावी भविष्यवाणीयों को गलत साबित करते हुए वो भादरा के अगले विधायक बन जाएं।