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जानिए लोकसभा 2019 में कांग्रेस की हार होने के 3 अहम सबूत


आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।अब सभी दल इस रणनीति में है कि मोदी को किस तरह घेरा जाए।कांग्रेस ने सभी क्षेत्रीय दलों को मोदी क खिलाफ उतारने की पुरानी रणनीति अपनाई है जो कि ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाएगी। अगर कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाकर मैदान जितने कि फिराक के है तो यह हरगिज नहीं हो पाएगा।
हम आपके सामने 3 अहम सबूत बताने जा रहे है जो कांग्रेस कि हार का मुख्य कारण होंगे।
1.अन्य सभी दलों के साथ गठबन्धन करना पड़ेगा भारी
कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को हराने के लिए सालो से चली आ रही रणनीति बनाई है जो कि पुरानी हो चुकी है।ज्यादातर वोटर नई पीढ़ी क नौजवान है जो सब समझते है।युवा मोदी को अपना आइकन मानते है व उनको अपने वश मे करना कांग्रेस के वश की बात नहीं है।कुछ दिन पहले एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाली पार्टियां जब अकेली बीजेपी के विरूद्ध एकजुट हो जाएगी,यानी गठबन्धन कर लेगी तो यह उनके लिए अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।आजकल सोशल मीडिया का जमाना है और लोग पहले के भाषण को ढूंढ ढूंढ कर उनके मज़े लेंगे यानी जब गठबन्धन करने वाली पार्टियों के प्रतिनिधि एक दूसरे पर कीचड़ उछाला करते थे व फिर मोदी क खिलाफ एक-जुट एक-दुसरे की प्रशंसा करते नजर आएंगे तो जनता उनसे जवाब मांगेगी।
2. राहुल गांधी को पीएम का दावेदार मानना
अगर सभी राजनीतिक दल राहुल गांधी में पीएम ढूंढ रहे है तो यह उनके लिए मूर्खता मात्र ही होगी।जैसा कि आपको पता है कि राहुल गांधी पर सोशल मीडिया में कई तरह के चुटकुले बनते रहते है।उनकी छवि पप्पू वाली बनी हुई है जो की आम वोटर के गले नहीं उतरती है।अगर राहुल गांधी की बजाय उनकी बहन प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा जाए तो कहानी बदल भी सकती है पर ऐसा होता कोशो दूर तक नजर नहीं आ रहा है।
3.अमित शाह व मोदी है बड़े खिलाड़ी तो कांग्रेस के पास कोई बड़ा नेता नहीं
जहां बीजेपी के पास पीएम मोदी व अमित शाह की खतरनाक जोड़ी है जो हर रणनीति को नाकाम करने में प्रसिद्ध है।अगर हम कांग्रेस या अन्य किसी दल के बारे में बात करे तो ऐसा नहीं है।किसी भी अन्य दल के पास बड़े नेता तो है पर मोदी के मुकाबले में कोई सा भी नजर नहीं आता है।वहीं अमित शाह दिमाग के जादूगर है जो किसी भी राजनीतिक दल को हराने के लिए काफी है।अगर अन्य सभी दल कांग्रेस के बिना गठबन्धन करने की क्षमता रखते है तो इसका उल्टा भी हो सकता है मगर ऐसा करने वाला कोई भी राजनितिक नेता नजर नहीं आ रहा है।
अगर आपको इन सब बातों में किसी बात पर संशय है तो आप अपनी राय कमेंट करके अवश्य बताएं ताकि अगली पोस्ट में हम आपकी राय को सबके सामने ला सके।