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एक बाप की पुकार,मत करो ऐसा घिन्न आती है मीडिया पे

बाप बेटी के रिश्ते को मीडिया बदनाम कर रहा है ऐसा एक बाप ने कहा
जी हां दोस्तो जिस तरह से आजकल हनीप्रीत व राम राम रहीम के बीच रिश्ते को दिखाया जा रहा है उसे देखकर विश्वास करना तो दूर हमारे देश की संस्कृति ऐसा सपने में भी नही सोच सकती है पर ये मीडिया जिस तरह से बिना सिर पैर की बात कर रहा है वह निंदनीय है।
एक बाप की पुकार मत करो ऐसा।
आजकल एक बाप ने अपने व अपनी बेटी के बीच के पवित्र रिश्ते की दुहाई देते हुए कहा है कि मुझे मीडिया पर बिल्कुल भी भरोसा नही है।उनका एक पोस्ट व्हाट्सएप पर काफी वायरल हो रहा है जिसमे वो जनता से अपील कर रहे है कि ऐसे मीडिया चेंनल का हम बहिष्कार करें।
आइये देखते है कि उन्होंने क्या क्या लिखा है उस पोस्ट में।
जय हिन्द जय भारत दोस्तों,आज मै एक बेटी का बाप होने के नाते आपको भारतीय संस्कृति को गर्त में मिलाने पर उतारू भारतीय मिडिया की हरकतों और मिडिया मै दिए हनीप्रीत के विचारो का दर्द अनुभव कराता हूँ| मै आपको सबसे पहले बता दूँ की ना मै किसी डेरे से जुड़ा हूँ ना ही ऐसे डेरों पर विश्वास करता हूँ हाँ लेकिन मेरा बड़ा लड़का जरुर वहां आता जाता रहा है कई बार | दोस्तों आप जानते है की बाप बेटी का रिश्ता कितना पवित्र होता है और मै अगर मेरी खुद की बेटी और मेरे बारे मै आपको बताऊँ तो दुनिया में अगर मेरे रिश्तो में सबसे करीब कोई मेरे है तो मेरी बेटी है जिसके साथ मेरा हर दुःख सुख जुड़ा है कई बार जब वो कॉलेज गयी होती है तो सोचता हूँ अगर मेरी बेटी ना होती तो मेरा इतना ख्याल शायद कोई नही करता कॉलेज से आती है तो दोड़कर आज भी वो मुझ से लिपट जाती है, बड़ी हो गयी है लेकिन उसमे वो बचपना आज भी ज्यो का त्यों है जो 6 या 7 साल की उम्र में था| शहर से फ़ोन करके पूछेगी की पापा आपके लिए कुछ लाना है क्या ? अगर मै कहूँ की मेरे दो माँ है तो भी गलत नही होगा |
आज चालीस पार की उम्र में अगर मुझे फ़िक्र है तो सिर्फ मेरी बेटी का या यूँ कहूं की मै कई बार स्वार्थी हो जाता हूँ की जब मुझे उसकी शादी का ख्याल आता है की वो मुझे छोड़ के चली गयी तो मेरा इतना ख्याल कोन रखेगा ये सोचता हूँ की उसकी शादी अपने ही शहर में ही कर दूँ ताकि वो मुझसे मिलने आ सके और जब दिल करे मै भी जाके अपने दिल की उस से सुना दिया करूंगा |

पोस्ट अभी शुरू हुई है,आगे देखिये
जब भी उसकी शादी का घर मै जिक्र चलता वो झट से बात काट देती है और मुझ से लिपट कर कहती है मै तो नही करवाती शादी मुझे तो मेरे पापा अपने पास रख लेंगे या मै और पापा आप से अलग होकर रह लेंगे | फिर मेरे कंधे पर हाथ मार कर कहती है क्यू अब बोलते क्यूँ नही, नही करोगे ना मेरी शादी और मै भरी आँखों से कह देता हूँ की हां बेटा तू मेरे पास ही रहेगी| ना जाने हम बाप बेटी के बीच कितना रूठना मनाना चलता रहता है लेकिन पिछले कुछ दिनों से जब TV पर बाबा राम रहीम और उनकी दत्तक पुत्री हनीप्रीत के बारे मै देखता हूँ तो मेरा खून खोलने लगता है की क्या बाप बेटी के पवित्र रिश्ते को इस तरह से तार तार करना कोई शोभनीय काम है जो इतना गिरे स्तर से दिखाया जा रहा है की हॉलीवुड के बड़े से बड़े शो मै भी ऐसी नग्नता नही परोसी जाती और ना ही ऐसे शब्द इस्तेमाल किये जाते है| शर्म से पानी पानी हो गया जब किसी न्यूज़ चैनल वाले ने मनगढंत एक नाट्यरूपांतरण दिखाया मुझे बीच मै ही टीवी बंद करना पड़ा और बहार बालकोनी मै खड़ा होकर रोने लगा |
मेरे छोटे भाई ने अपने साले की लड़की गोद ली हुई है मेरे आँखों के आगे उस हनीप्रीत के रूप में उस बेटी की परछाई उभरने लगी की अगर कल को कोई उन्नीस इक्कीस बात मेरे छोटे भाई के साथ हो जाती है तो समाज उसे भी इसी नजरिये से देखेगा| रह-रह कर दिमाग में एक ही बात आ रही थी की क्या ये वही भारतभूमि है जिसको संस्कृति के कारण विश्वगुरु कहा गया है?
क्या कोई इंसान बेटी गोद ही ना ले अब
कोई इंसान बेटी गोद नही ले सकता? क्या मेरा भाई अपनी गोद ली हुई बेटी को लाड प्यार नही कर सकता ? क्या हमें कैसे रहना है क्या करना है ये मिडिया तय करेगा ? और भी ना जाने ऐसे कितने सवाल दिमाग में उमड़ने लगे | आज जब सुबहा हनीप्रीत का टीवी पर इंटरव्यू देखा तो उसकी आँखों में आंसू देख मै खुद के आंसू रोक नही पाया उसकी आँखों मै अपने पिता राम रहीम के लिए तड़प और दर्द को मै टीवी नै देखकर महसूस कर लिया जो न्यूज संवाददाता उसके पास बैठकर भी ना जान सका और ना न्यूज रूम मै बेठी वो एंकर जान सकी | मै उनके चैनल पर जाकर तो शायद ये बात ना बोल सकूं इसलिए सोशल मिडिया के जरिये अपनी बात उन तक पहुँचाना चाहता हूँ की अपने गिरेबान मै झांकते हुए अपने और अपने पिता के रिश्तो को आँखों के सामने रखकर सोचिये की आप किसके किस पवित्र रिश्ते को तार तार कर रहे है जो लाखो ऐसे रिश्तो की डोर मै बंधे बाप बेटी को अन्दर से झकझोर देता है | माना की आपके शब्दों की कीमत है पर ऐसे शब्द इस्तेमाल ना करो की किसी की इज्जत का पर्दा उठ जाये और वो आपके शब्दों से आहात होकर आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो जाये|
हमारी संस्कृति रही है की नारी की इज्जत बचाने वाले योद्धा इसी धरा पर पैदा हुए है जो अपने प्राणों की आहुति दे गये किसी नारी की इज्जत बचाने हेतु और एक आप है जो ऐसे ऐसे शब्द इस्तेमाल करते है की सुनकर कानों के परदे फट जाये और वो भी महिला पुरुषों के बीच बैठकर ऐसे सवाल कर रही है किसी बाप बेटी के बारे में| अब आप तुलना करो की कहाँ उस लड़की के संस्कार है जो अपने बाप के जेल जाने से किस तरह आहात है और दूसरी और वो चैनल के पैनल वाले अब फैसला आपके हाथ है की हम कहाँ जी रहे है और हमारी संस्कृति की झलक क्या है ?

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