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एक सच्चे पुलिस वाले का हश्र-by अनिल कुमार अमरपुरा


रमेश की बीवी ने ड्यूटी के लिए जा रहे अपने पति से कहा-आज अपने गोलू का जन्मदिन है,शाम को घर जल्दी आ जाना।ओर हां एक बढ़िया सा केक भी लेते आना।रमेश दो साल पहले ही तो पुलिस में लगा था,आज वह सुबह सुबह अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए मुड़ा ही था कि उसकी बीवी के द्वारा गोलू के जन्मदिन को याद करते हुए ठिठका।

ओह हा!आज अपना गोलू पूरा एक साल का हो गया है।जब रमेश का पुलिस में सलेक्शन हुआ था तो सावित्री के साथ उसका चट मंगनी पट ब्याह हो गया था। इन दो सालों में क्या कुछ नहीं गुजरा,उसकी मां सांस की बीमारी में लाखों रुपए लगने के बाद भी गुजर गई।पिता जी भी मां के जाने के बाद दवाइयों पर जी रहे है।बहन की शादी के बाद खुद की शादी का कर्ज भी कितना हो गया है।यह सब याद करते हुए रमेश घर से बाहर अपनी जीप की तरफ चला।
रमेश ने इस चिंता के साथ जीप स्टार्ट की कि शाम को केक कैसे लाएगा?इस तनख्वाह से उसके पिता की दवाइयां,घर का खर्च ही मुश्किल से चल रहा है।कर्जदार भी तो घर के चक्कर काट रहे है।
गोलू के जन्मदिन का केक लाने के लिए मिश्रा जी से कुछ पैसे उधार लेने की सोच से वह पुलिस स्टेशन की तरफ चल रहा था कि रस्ते में उसने एक कार के पास खड़े उस युवक को देखा जो लगातार जीप रोकने के लिए इशारा कर रहा था।
जीप को ब्रेक लगाया ही था कि अमीर घराने का दिख रहा युवक बोला-साहब बीवी को हॉस्पिटल ले जा रहा था,कार खराब हो गई,बीवी को जल्द से जल्द हॉस्पिटल लेकर जाना बहुत जरूरी है।रमेश ने देखा कि कार की पिछली सीट पर लेटी उसकी वाइफ प्रेगनेंट थी व दर्द से कराह रही थी।रमेश ने उन दोनों को जीप में बैठाया और तेजी से उन्हें हॉस्पिटल ले गया।उस युवक ने रमेश का शुक्रिया अदा किया व उन्हें कुछ देर इंतजार करने का आग्रह किया।करीब बीस मिनट बाद वह युवक नोटों की गड्डी हाथ में लिए आया व पूरे हॉस्पिटल के स्टाफ को 500-500 के नोट बांटने लगा।दरअसल उसकी पत्नी ने एक लड़के को जन्म दिया था जिसकी खुशी में वह सबको बधाई स्वरूप पैसे बांट रहा था।
कभी भी रिश्वत ने लेने का प्रण करने वाले रमेश ने उस नोटों की गड्डी की तरफ देखा तो उसे गोलू का जन्मदिन नजर आने लगा।
खुशी से पैसे बांट रहा वह युवक रमेश के पास आया व 500-500 के 4 नोट निकलकर रमेश को देने लगा तो उसने लेने से मना कर दिया।युवक ने जब काफी आग्रह किया तो रमेश ने अनमने मन से ले लिए।
वहीं पास में खड़े एक युवक ने सोचा कि पुलिस वाला युवक से रिश्वत मांग रहा है तो उसने बिना सोचे समझे अपने मोबाइल से वीडियो बना ली।
भगवान की मर्जी समझकर रमेश ने पैसे जेब में डाले और पुलिस स्टेशन की ओर रवाना हो गया।अमीर युवक बार बार पुलिस वाले को दुआ दे रहा था तो वहीं वीडीयो बनाने वाला युवक पुलिसवाले रमेश को कोस रहा था।
शाम को गोलू के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने की तैयारियां चल रही थी।रमेश बार बार भगवान का शुक्रिया अदा कर रहा था कि उसने उस युवक के जरिए उन्हें ये खुशी दी।रमेश की पत्नी ने आस पड़ोस के लोगो को भी न्योता दे रखा था,अभी केक काटा ही था के पड़ोस में रहने जयवीर नामक युवक ने उनके घर में पत्थर फेंका।आसपड़ोस के लोगो ने उसके पत्थर फेंकने पर आपत्ति जताई तो युवक ने टीवी में न्यूज देखने को कहा। 
आनन फानन में रमेश ने टीवी चलाया तो देखता है कि टीवी में उसकी वीडियो दिखाई जा रही है जिसमें बताया जा रहा है कि रमेश उस युवक से रिश्वत ले रहा है।सभी आस पड़ोस वाले रमेश व उसकी पत्नी को बुरा भला कहते हुए अपने अपने घर चले गए।रमेश का बूढ़ा पिता यह दुख सहन नहीं कर पाया और रात में उसे दिल का दौरा पड़ गया।सुबह सुबह रमेश कुछ परिवारवालों के साथ अपने पिता के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था तभी पुलिस ने रमेश को रिश्वत लेने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया।काफी मिन्नतों के बाद पुलिसवालों ने उसे अपने पिता के दाह संस्कार करने तक का समय दिया।
पूरे जीवन में रिश्वत न लेने वाले रमेश ने हाथों में हथकड़ी के साथ अपने पिता को अग्नि दी।उधर वीडियो बनाने वाला युवक खुद को एक जागरूक नागरिक बताकर वाह-वाही लूट रहा था।
पैसे देने वाले युवक को जब पूरे घटनाक्रम का पता चला तो वह भागा भागा पुलिस स्टेशन गया।उधर अपने ही स्टाफ पर कार्रवाई करने पर पुलिस डिपारटमेंट की काफी वाहवाही होने के कारण उस युवक की बातों को काल्पनिक बताया गया।वह युवक फिर उस न्यूज चैनल के पास सच्चाई लेकर गया तो टीआरपी के चक्कर में उसकी बातों को दबा दिया गया।
एक जिम्मेवार पुलिसवाले का कर्तव्य निभाने वाला रमेश पूरे पांच साल बाद बरी हुआ है वो भी उस अमीर युवक के अनथक प्रयासों के बाद।
आज रमेश ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है।रमेश ने ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के चलते अपने पिता को खो दिया।उसकी पत्नी ने दूसरी शादी कर ली व बच्चे को रमेश के रिश्तेदारों के हवाले कर गई।उधर पुलिस ने अपने एक ईमानदार पुलिसवाले को खो दिया।वीडीयो बनाने वाला युवक आज खुद को एक जिम्मेदार व जागरूक नागरिक बताकर सरपंची का चुनाव जीत गया है।
क्या अमीर युवक ने सहायता मांगकर अपराध किया?क्या रमेश ने अपने कर्तव्य का पालन करके अपराध किया?क्या उस युवक ने वीडियो बनाकर अपराध किया?क्या अपने डिपार्टमेंट कि वाहवाही के लिए पुलिस ने मामले की सही से जांच न करके अपराध किया?क्या न्यूज चैनलों ने टीआरपी के चक्कर में बिना जांचे जूठी खबर  दिखाकर अपराध किया?आखिर अपराधी कौन?
लेखक-अनिल कुमार अमरपुरा