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भादरा खबर: रिपोर्टर मंदरूप के साथ हुई बदतमीजी,जानिए पूरा मामला

 भादरा खबर:23 जून आज मेलखेड़ा में भारतीय जनता पार्टी ने विजय संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया था जिसमे पूर्व भादरा विधायक संजीव बेनीवाल,कमला कस्वां जैसे बड़े बड़े भाजपाई जनप्रतिनिधि आये हुए थे।इस आयोजन को मेलखेड़ा के युवा भाजपा नेता सुनील बराला ने आयोजित किया था। रिपोर्टर मंदरुप वर्मा इस आयोजन का लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे जाने माने रिपोर्टर मंदरूप वर्मा भी इस कार्यक्रम की कवरिंग करने के लिए वहां अपनी टीम के साथ उपस्थित थे।यह कार्यक्रम बहुत ही शांति से चल रहा था कि अचानक मंदरूप को कार्यक्रम की कवरिंग करने से रोक दिया गया व उनके साथ धक्का मुक्की की गई। जानिए क्या था पूरा मामला इसी कार्यक्रम के दौरान सूरतपुरा पंचायत के वर्तमान सरपंच प्रताप बेनीवाल रिपोर्टर मंदरूप की किसी बात से इतना भड़क गए कि उन्हें कार्यक्रम से जाने का कह दिया।आपको बता दे कि मंदरूप वर्मा व सरपंच प्रताप बेनीवाल एक ही गांव सूरतपुरा से है।इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि ये मामला आपसी रंजिश का हो सकता है जिसे राजनीति से जोड़ा जा रहा है। वीडियो हो रहा है वायरल,सरपंच प्रताप बेनीवाल आये गुस्से में नजर रिपोर्टिंग के दौरान मंदरूप के साथ हुई

दिनेश कार्तिक खा सकते है वर्ल्ड कप मे ऋषभ पंत की जगह

 स्पोर्ट्स न्यूज ;भादरा खबर  साउथ अफ्रीका के साथ हाल ही मे सम्पन्न हुई सीरीज के बाद ये कयास लगाया जा रहा है की विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत टीम इंडिया से बाहर हो सकते है। इस सीरीज मे पहले मैच के अलावा ऋषभ पंत रन बनाने के लिए तरसते दिखाई दिए। आपको बता दे की इस सीरीज मे केएल राहुल को कप्तान बनाया गया था लेकिन सीरीज शुरू होने से एन पहले चोट लगने के कारण वो पूरी सीरीज से बाहर हो गए थे ।  केएल राहुल की चोट ने बनाया था ऋषभ पंत को टीम इंडिया का कप्तान  राहुल की चोट के कारण भारतीय क्रिकेट टीम की कमान ऋषभ पंत को मिली लेकिन पूरी सीरीज मे पंत की कप्तानी व बल्लेबाजी फ्लॉप साबित हुई। हालांकि इस सीरीज मे भारतीय टीम 2-2 की बराबरी पर रही थी लेकिन पहले व दूसरे मैच मे भारत की हार की एक वजह ऋषभ की कप्तानी भी है। कई दिग्गजों ने भी ऋषभ की कप्तानी ओर सवाल उठाए थे। ईशान किशन की जबरस्त फार्म ने बढाई ऋषभ की चिंता  साउथ अफ्रीका से हाल मे सम्पन्न सीरीज मे ईशान किशन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।ईशान किशन मैन ऑफ दी सीरीज के हकदार थे लेकिन भुवनेश्वर कुमार की शानदार परफ़ोर्मेंस ने बाजी मार ली। अग

अग्निपथ का हिंसक विरोध करने वाले देशद्रोही है?

टूर ऑफ ड्यूटी क्या है जिस पर इतना बवाल हो रहा है? भारत सरकार भारत की सेना में भर्ती होने के इच्छुक जवानों के लिए एक टूर ऑफ ड्यूटी नामक योजना लेकर आई है जिस पर काफी बवाल हो रहा है।इस योजना का नाम अग्निपथ रखा गया है व इसमें भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया गया है।    इसमे बवाल क्यों हो रहा है?   इस योजना में अग्निवीर सिर्फ चार साल के लिए ही भर्ती किये जायेंगे व रिटायर होने के बाद पेंसन जैसी सुविधाओ से वंचित रखे जाने के फैसलों से युवा काफी आक्रोश में है।इस योजना में भर्ती होने वाले युवाओं की उम्र सीमा 17.5 से 21 वर्ष की गई जो कि बाद में बढ़कर 23 वर्ष कर दी गई। इन्ही मुद्दों के कारण विभिन्न राज्यों में हिंसक तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई है जिसमे उत्तरप्रदेश,बिहार,राजस्थान व हरियाणा जैसे राज्य शामिल है।  क्या बवाल होना जायज है?  जी नही! जब बात देश की सुरक्षा की हो तो इसमें बवाल करना गलत व अनैतिक माना जायेगा।बावजूद इसके कुछ विरोधी दलों की राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के चलते इसे अलग तरीके से परिभाषित करके युवाओं को भड़काया गया है।इसमे कुछ दोष सरकार का भी है जिसने पहले से चयनित जवान जिनकी जॉइन

बिना खबर अचानक से बाबा रहीम आए जेल से बाहर,प्रेमियों मे खुशी की लहर

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम एक बार फिर से जेल से बाहर आ गए है।डेरा प्रेमियों के बीच आई अचानक से इस खुशी के बारे मे आइए विस्तार से जानते है।    इमेज क्रेडिट: dera sacha sauda official  आज दोपहर को डेरा के official management की तरफ से एक tweet आया जिसमे बताया गया की बाबा राम रहीम सिंह जी इंसा को पेरोल मिली है व बाबा आज बरनावा आश्रम जो की उतरप्रदेश मे स्थित है,वहाँ जा रहे है। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर पहुंची जंगल मे आग की तरह ये खबर हर तरफ फैल गई। डेरा प्रेमियों को विस्वस नहीं हो रहा था की क्या बाबा सच मे जेल से बाहर आ गए है या ये कोई फेक खबर है। इसकी पुष्टि के लिए डेरा प्रेमी एक दूसरे को फोन करके पूछने लगे तो उन्हे बधाइयाँ मिलनी शुरू हो गई।   इमेज क्रेडिट:derasachasauda.org  बाबा राम रहीम ने शेयर किया विडिओ: इस घटनाक्रम के कुछ समय बाद ही संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा ने एक यूट्यूब विडिओ शेयर किया जिसमे उन्होंने डेरा प्रेमियों से शांति बनाए रखने व डेरा मेनेजमेंट के आदेश को मानने की अपील की।   ऐसा था बाबा राम रहीम इंसा का स्टाइल : काफी दिनों बाद अपने भक्तों से रूबरू हुए राम

अपने एक फैसले से जयदीप डूडी भादरा की राजनीति से हो जाएंगे खत्म

भादरा की प्रधान पद की सियासी हलचल अभी खत्म होने के कगार पर है।अब बाजी निर्दलीय व कांग्रेस के हाथ मे है।सीधे शब्दों में कहें तो जयदीप डूडी के हाथ मे प्रधान पद की चाबी है।अगर जयदीप डूडी ने अपना समर्थन सच मे कॉमरेड के पक्ष में दिया तो उनका राजनीतिक करियर खत्म होने के कगार पर है। जिस तरह का स्टैंड भाजपा ने लिया है वो काबिले तारीफ है।भाजपा ने क्लियर स्टैंड लिया है उनका प्रधान बनेगा तो ठीक नही तो किसी भी निर्दलीय या पार्टी को समर्थन नही देंगे।उनका यह स्टैंड राजनीति के लिहाज से काफी सराहनीय नजर आ रहा है। दूसरी तरफ अगर जयदीप डूडी की बात करें तो अगर वो तटस्थ रहते तो उनका राजनीति में वर्चस्व बना रहता है लेकिन जिस तरह से सुनने में आ रहा है जयदीप ने कामरेड को समर्थन दिया है तो उनका यह कदम आत्मघाती लग रहा है।पिछले विधानसभा चुनाव में कामरेड को समर्थन देना भी इनके राजनीति में सबसे खराब फैसला बताया जाता है। अगर मोटा मोटी बात करें तो बीजेपी अपने पैरों पर खड़ी नजर आ रही है।जयदीप अगर अंतिम पलों में कोई चाल नही चलते है तो उनका राजनीतिक भविष्य अँधेरमय नजर आ रहा है।इसी एक जयदीप के फैसले से कामरेड काफी म

भादरा प्रधान बनने के ये है दावेदार,जानिए क्या कहते है समीकरण

 8 दिसम्बर को आये नतीजों ने भादरा में प्रधान पद की दौड़ को दिलचस्प बना दिया है।माकपा ओर भाजपा ने जहां दस दस सीटों पर कब्जा किया है तो वही काँग्रेस व निर्दलीय 7 पर सिमट गए है।माकपा व भाजपा दोनों के पास बहुमत साबित करने के लिए 4 सीटें कम है।ऐसे में कयास लगाये जा रहे है कि कांग्रेस या निर्दलीय ही प्रधान बन सकता है।जानिए क्या है प्रधान बनने के समीकरण। 1.अगर चारों निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा को समर्थन देते है तो भाजपा अपना प्रधान बना सकती है जो इस बार तो लगभग असम्भव नजर आ रहा है।इस तरह संजीव बेनीवाल के पुत्र करण बेनीवाल इस दौड़ से बिल्कुल बाहर नजर आ रहे है। 2.अगर चारों निर्दलीय प्रत्याशी माकपा को समर्थन देते है या कांग्रेस भी समर्थन देती है तो माकपा अपना प्रधान बना सकती है।इस बार यह समीकरण बनता भी दिख रहा था लेकिन इसमें भी एक झोल है।चारों निर्दलीय माकपा के धुर विरोधी है जिससे यह समीकरण भी फेल होता नजर आ रहा है। 3.इसके अलावा एक समीकरण यह भी नजर आ रहा है कि भाजपा या माकपा जयदीप डूडी को समर्थन देने पर राजी हो जाते है क्योकि जयदीप डूडी के पास चारों निर्दलीयों से भी नजदीकी है।चारों प्रत्याशी भी चु

विधायक बलवान पूनियां के लिये किसान से ज्यादा चुनाव जरूरी,अब बहती गंगा में हाथ धोने चले

आखिरकार किसान आंदोलन को सफल होते देख भादरा विधायक बलवान पूनियां भी इस बहती गंगा में हाथ धोने दिल्ली की तरफ चल पड़े। पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव सम्पन्न होने के तुरंत बाद बलवान पूनियां ने भादरा से दिल्ली की तरफ रुख कर लिया है।2 दिसम्बर के दिन बलवान पुनियां अपने साथियों के साथ टिकरी बॉर्डर पहुंच चुके है।लोग सोशल मीडिया पर विधायक जी को ट्रोल कर सवाल पूछ रहे है कि चुनाव जरूरी थे या किसान आंदोलन। इस किसान आंदोलन में बलवान पूनियां का इतने दिनों बाद जाना सभी को अखर रहा है।किसान आंदोलन पिछले कई दिनों से चल रहा है लेकिन बलवान पूनियां जो कि एक किसान नेता है,द्वारा इतने दिनों बाद आंदोलन में पहुंचना यह दर्शाता है कि बलवान पुनिया जी अपनी राजनीति चमकाने में लगे है। हमारा यह पोस्ट डालने का यह बिल्कुल मतलब नही है कि हम किसान के हक में नही है या किसान आंदोलन के पक्ष में नही है।हम बिल्कुल खुले मन से किसान आंदोलन का समर्थन करते है लेकिन विधायक बलवान पुनिया द्वारा इस तरह की राजनीति की बिल्कुल आशा नही करते है।  हमारा बलवान पुनिया जी से सीधा सवाल है कि अगर आप सच्चे किसान हितेषी थ

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