सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मोदी के सामने 2019 राहुल गांधी की बजाय ये नेता रहेंगे ज्यादा प्रभावी

लोकसभा चुनाव 2019 को मद्देनजर रखते हुए सभी विपक्षी पार्टियों ने मोदी को हराने के लिए महागठंधन किया है।बीजेपी की तरफ से पीएम का उमीदवार नरेंद्र मोदी ही होंगे।अगर विपक्षी पार्टियों कि बात करें तो इसमें सबसे उपर नाम राहुल गांधी का ही है।राहुल गांधी मोदी के सामने कमजोर नजर आते है।अगर राहुल गांधी की बजाय इन दो नेताओं को मैदान में उतारा जाए तो अलग ही नजारा बन सकता है। 1.अखिलेश यादव – अगर मोदी के सामने एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी की बात करे तो राहुल गांधी के बाद उनका ही नाम आता है।अखिलेश यादव एक उभरते व युवा नेता है जो कि एक अच्छे प्रतिद्वंद्वी माने जा सकते है।यह हम इसलिए कह रहे है क्योंकि राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाना इस समय सही नहीं होगा क्योंकि राहुल गांधी ने आज के युवा पीएम की छवि नहीं देख पा रहे है। 2.मायावती– बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती भी एक अच्छी पीएम उम्मीदवार बन सकती है।मायावती एक पिछड़े वर्ग से आती है तो पीएम पद की इनकी दावेदारी में भी काफी मजबूती आती है।यह एक अच्छी राजनेता मानी जाती है।पिछड़ा वर्ग से होने के कारण इनको भी अच्छी खासी पीएम उम्मीदवार माना जा सकता है।

जानिए लोकसभा 2019 में कांग्रेस की हार होने के 3 अहम सबूत

आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।अब सभी दल इस रणनीति में है कि मोदी को किस तरह घेरा जाए।कांग्रेस ने सभी क्षेत्रीय दलों को मोदी क खिलाफ उतारने की पुरानी रणनीति अपनाई है जो कि ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाएगी। अगर कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाकर मैदान जितने कि फिराक के है तो यह हरगिज नहीं हो पाएगा। हम आपके सामने 3 अहम सबूत बताने जा रहे है जो कांग्रेस कि हार का मुख्य कारण होंगे। 1.अन्य सभी दलों के साथ गठबन्धन करना पड़ेगा भारी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को हराने के लिए सालो से चली आ रही रणनीति बनाई है जो कि पुरानी हो चुकी है।ज्यादातर वोटर नई पीढ़ी क नौजवान है जो सब समझते है।युवा मोदी को अपना आइकन मानते है व उनको अपने वश मे करना कांग्रेस के वश की बात नहीं है।कुछ दिन पहले एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाली पार्टियां जब अकेली बीजेपी के विरूद्ध एकजुट हो जाएगी,यानी गठबन्धन कर लेगी तो यह उनके लिए अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।आजकल सोशल मीडिया का जमाना है और लोग पहले के भाषण को ढूंढ ढूंढ कर उनके मज़े लेंगे यानी

बीजेपी नेता ने किया बलवान पूनियां को सम्मानित,भादरा के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज

भादरा,सूरतपुरा पंचायत के गांव अमरपुरा में 30 तारीख को श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में एक प्रोग्राम के दौरान बीजेपी नेता एवं पूर्व सरपंच श्री शीशपाल जी बेनीवाल ने कामरेड बलवान पूनियां को को सम्मानित किया है।इस घटना के बाद भादरा विधानसभा क्षेत्र के सियासी हलकों में चर्चाएं उठने लगी है कि या तो बलवान पूनियां बीजेपी जॉइन कर रहे है या फिर श्री शीशपाल बेनीवाल कामरेड बनने वाले है।हालांकि इस बात की सिर्फ आशंका जताई जा रही है,क्या यह असल मे होने वाला है या नही यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। गांव अमरपुरा के श्री हनुमान मंदिर में सभी अतिथियों के सम्मान के दौरान जब कामरेड बलवान जी पूनियां पधारे तो उसी वक्त मंच संचालक ने बीजेपी नेता शीशपाल जी बेनीवाल को उनके सम्मान हेतू प्रशस्ति पत्र देने के लिए आमंत्रित कर दिया था।शीशपाल बेनीवाल ने बिना किसी झिझक के बलवान पूनियां को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आपको बता दे कि 30 मार्च को गांव अमरपुरा में भव्य जागरण का आयोजन किया गया व 31 को हनुमान मंदिर में मूर्ति स्थापना की गई।इस मौके पर गांव वालों ने गणमान्य लोगों व राजनेताओं को आमंत्रित किया था।इ

इस बार भादरा के विधायक बन सकते है बलवान पूनियां,जानिए क्या है कारण

भादरा: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की गर्माहट अभी से शुरू हो गई है।राजनीतिक दल अभी से रैलियों व दौरों के माध्यम से अपना प्रचार शुरू कर चुके है।राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की एक तहसील भादरा में अबकी बार माहौल कुछ अलग ही नजर आ रहा है। मौजूदा विधायक संजीव बेनीवाल का अबकी बार चुनाव जीतना मुश्किल नजर आ रहा है।भादरा की विधानसभा की सीट पाने के लिये सभी छोटे बड़े नेताओं ने अपना प्रचार शुरू कर दिया है जिनमे प्रमुख है:- जयदीप डूडी,शोभा सिंह डूडी,संजीव बेनीवाल,राजीव कस्वां व कामरेड बलवान पूनियां।इन सबके अलावा कुछ अन्य छोटे मोटे नेता भी अपने अपने दल से सीट पाने के जुगाड़ में है।इन सबके अलावा अबकी बार एक नया चेहरा भी काफी कोशिश कर रहा है-बजरंग सहारण।भव्य फाउंडेशन के मुख्य बजरंग सहारण भी काफी जोरों से चुनाव में किसी दल की टिकट पाने की जुगत में है। इस बार भादरा के विधायक बन सकते है बलवान पूनियां,जानिए क्या है कारण इस बार भादरा के एमएलए की दौड़ में सबसे आगे कामरेड बलवान पूनियां नजर आ रहे है।बलवान पूनियां की छवि अब एक किसान नेता की बनने लगी है जिस कारण इनका चुनाव जीतना आसान लग रहा है,जानिए क्या है

अगर 2019 में मोदी को हराना है तो कांग्रेस को खेलना होगा ये बड़ा दांव

दोस्तों जिस तरह से मोदी का जादू पूरे देश मे चल रहा है उसको देखते हुए मोदी को 2019 में हरा पाना काफी मुश्किल नजर आ रहा है।अगर मोदी को 2019 में हराना है तो कांग्रेस को कोई बड़ा दांव खेलना पड़ेगा।कांग्रेस को अन्य सभी लोकल पार्टियों को साथ लेकर एक महागठबंधन बनाना होगा।सिर्फ महागठबंधन बना लेने से बात बनने वाली नही है इससे जितना सम्भव नही है।महागठबंधन को जीतने के लिये एक प्रधानमंत्री का दावेदार पहले ही घोषित करना होगा। प्रधानमंत्री का दावेदार राहुल गांधी को न बनाये कांग्रेस आप लोग शायद मेरी इस बात से सहमत ना हो लेकिन यह सत्य है कि अगर महागठबंधन द्वारा राहुल को प्रधानमंत्री का दावेदार बनाकर चुनाव लड़ा जाएगा तो हार निश्चित है।क्योंकि राहुल गांधी को मीडिया द्वारा "पप्पू" की छवि के कारण जनता प्रधानमंत्री के रूप में नही चाहती है।मेरी यह बात शायद आप को समझ मे न आये लेकिन यह लोगो की सोच है जो मैं आपको बता रहा हूं। एक नया चेहरा बनाना होगा प्रधानमंत्री का दावेदार 2019 में कांग्रेस द्वारा महागठबंधन में से एक युवा चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ना चाहिये।ऐसा करने से कांग्रेस के

वसुंधरा को हटाकर रामसिंह कस्वां को बनाया जा सकता है राजस्थान का मुख्यमंत्री

राजस्थान में हो सकते है रामसिंह कस्वां मुख्यमंत्री राजस्थान में वर्तमान सरकार के प्रति नाराजगी व उपचुनावों में हुई हार के बाद एक खबर यह आ रही है कि वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है। सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय हाईकमान ने इसको हरीझंडी दिखा दी है।बताया जा रहा है कि जाटों व ब्राह्मणों की नाराजगी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। सूत्रों के अनुसार जल्द भाजपा करने वाली है ऐलान यह खबर सच है या झूठ यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।मगर यह बात विचारनीय है कि वसुंधरा राजे की सरकार से आमजन का विश्वास उठ गया है।यहां तक कि राजपूत भी खुश नही लग रहे है।अतः आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा को अपनी साख रखनी है तो कई कठोर कदम उठाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री की दावेदारी में जाट नेता रामसिंह कस्वां सबसे आगे चल रहे है।उनके अलावा अर्जुनसिंह मेघवाल,राज्यवर्धनसिंह राठौड़ भी इस दौड़ में शामिल है। मौजूदा सरकार से नाखुश है जाट व ब्राह्मण आज की इस वसुंधरा सरकार से जाट व ब्राह्मणों की नाराजगी साफ जाहिर है।इसी नाराजगी को दूर करने के लिए राष्ट्रीय हाईकमान ने इसे हरी झंडी दिखाई है। हो सक

वसुन्धरा सरकार ने दी "रीट" परीक्षार्थियों के लिए बड़ी राहत।

जैसा जी गौरतलब है 11 फरवरी को रीट की परीक्षा होनी है।और हर तरफ से परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होने आएंगे।इसी को मद्देनजर रखते हुए वसुंधरा राजे की बीजेपी की सरकार ने परीक्षार्थियों के लिए एक राहत दी है। रीट के परीक्षार्थी रोडवेज बसों में निशुल्क कर सकेंगें यात्रा। जी हा ये सच है कि रीट की परीक्षा देने वाले प्रतिभागी रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा कर सकेंगे।इसके लिये 11 फरवरी को होने वाली रीट परीक्षा में छात्र अपना प्रवेश पत्र के साथ फ़ोटो युक्त पहचान पत्र, परिचालक को दिखाकर निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे। निश्चित रूप से यह वसुंधरा सरकार का युवा वर्ग में अपनी साख रखने के लिए ये फैसला लिया गया है।यह जिस भी मंसूबे के लिए लिया गया फैसला हो मगर रीट की परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। कुछ राजनीति विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही में सम्पन्न उपचुनावों में जिस तरह बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी उससे कुछ सबक लेते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।लेकिन जो भी हो हम तो यही कहेंगे कि इससे मध्यम व गरीब वर्ग के परीक्षार्थियों को काफी सहायता मिलेगी। ऐसी ही राजस्थान व रा