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इस शख्स ने बलवान पूनियां से कहा कि गरीब किसान का मजाक मत उड़ाओ विधायक जी!भड़क गए बलवान पुनिया

  भादरा विधायक बलवान पूनियां ने किसान आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों के पक्ष में फेसबुक पर पोस्ट शेयर किया। फेसबुक पर पोस्ट डालते हुए बलवान पूनिया ने अपने साथियों से आग्रह किया कि दिल्ली कूच करने के लिए गांव गांव में राशन सामग्री इकट्ठा करें। इस पोस्ट के कमेंट में आजाद विजय परलिका नामक एक शख्स ने लिखा कि अगर माननीय विधायक अपने 12 महीने के संपूर्ण वेतन को किसान आंदोलन कर रहे  आंदोलनकारियों के लिए दान देते हैं तो वह भी अपनी संपूर्ण खातेदारी जमीन में से पिछले 12 महीने की उपज की बचत के पैसे देने के लिए तैयार हैं। इस कमेंट पर विधायक बलवान पूनिया भड़क गए और उन्होंने फटकार लगाते हुए जो कुछ भी लिखा मैं नीचे इमेज में आप देख सक ते हैं।बलवान पूनियां ने बात को किसान के पक्ष में घसीटते हुए कहा कि जिसकी श्रद्धा हो वही दें। अगर विजय परलीका की बातों का गहराई से मंथन किया जाए तो उन्होंने अपने कमेंट के अंतिम शब्दों पर जोर देते हुए लिखा है कि किसान अगर इतना ही सक्षम होता तो वह आंदोलन क्यो करता।कुछ लोगो ने विजय की इस बात का समर्थन किया है तो कुछ ने इसे गैर वाजिब ठहराया है।आप लोग भी इस बारे में अपनी राय कमेंट

मेरे पापा -कवि अनिल कुमार अमरपुरा,पापा पर कविता

मेरी मंजिल के रास्ते पर, जो दिख रही सफाई है! सच बताऊं, मेरे पापा ने वहां सालों से झाड़ू लगाई है!! मत देखो मेरे कदमों के छालों को, जीता हूं जो मैं जिंदगी की ये दौड़, सच बताऊं, वो दौड़ भी मेरे पापा ने लगाई है!! कवि- अनिल कुमार अमरपुरा

हुलिया-एक सच्ची कहानी_अनिल कुमार अमरपुरा

आज राजू बहुत ही उदासी से घर आ रहा था।आज उसकी सबसे अच्छी दोस्त आदिति के कुछ शब्दों ने उसे अंदर तक झकझोर दिया था।आज आदिति ने कहा कि राजू तेरा हुलिया मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। घर आकर राजू ने हाथ मुंह धोया व एक अच्छे से हेयर सैलून कि खोज में चल पड़ा।चलते चलते वह सोच रहा था कि चाहे हजारों रुपए क्यूं न लग जाए पर उसे अपना चेहरा चमकाकर कल ही अदिति को दिखाना है।राजू बीते दिनों को याद करने लगा कि कैसे अदिति उसे एक अच्छी लड़की लगी।तभी राजू को याद आया कि अरे! मैंने तो आदिती को झूठ बोला था कि वह बेरोजगार है ताकि एक दिन वह आदिति को सच्चाई बताकर माफी मांग लेगा।राजू ने सोचा था कि वह जब बताएगा की वह 27 हजार की सैलरी पाता है और कुछ दिनों में उसका प्रमोशन भी होने वाला है तो आदिति काफी खुश होगी। इतना सोचते सोचते वह कब सैलून पर पहुंच गया पता ही नहीं चला।वह सैलून में घुसा और चेयर पर बैठ गया।इतने में राजू को एक छोटा लड़का भीख मांगते हुए सैलून में घुसता दिखा जिसे धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया। अचानक से राजू कुर्सी से खड़ा हुआ व सैलून से बाहर निकल गया।कोई कुछ समझ पाता इससे पहले वह काफी आगे निकल चुका थ

एक सच्चे पुलिस वाले का हश्र-by अनिल कुमार अमरपुरा

रमेश की बीवी ने ड्यूटी के लिए जा रहे अपने पति से कहा-आज अपने गोलू का जन्मदिन है,शाम को घर जल्दी आ जाना।ओर हां एक बढ़िया सा केक भी लेते आना।रमेश दो साल पहले ही तो पुलिस में लगा था,आज वह सुबह सुबह अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए मुड़ा ही था कि उसकी बीवी के द्वारा गोलू के जन्मदिन को याद करते हुए ठिठका। ओह हा!आज अपना गोलू पूरा एक साल का हो गया है।जब रमेश का पुलिस में सलेक्शन हुआ था तो सावित्री के साथ उसका चट मंगनी पट ब्याह हो गया था। इन दो सालों में क्या कुछ नहीं गुजरा,उसकी मां सांस की बीमारी में लाखों रुपए लगने के बाद भी गुजर गई।पिता जी भी मां के जाने के बाद दवाइयों पर जी रहे है।बहन की शादी के बाद खुद की शादी का कर्ज भी कितना हो गया है।यह सब याद करते हुए रमेश घर से बाहर अपनी जीप की तरफ चला। रमेश ने इस चिंता के साथ जीप स्टार्ट की कि शाम को केक कैसे लाएगा?इस तनख्वाह से उसके पिता की दवाइयां,घर का खर्च ही मुश्किल से चल रहा है।कर्जदार भी तो घर के चक्कर काट रहे है। गोलू के जन्मदिन का केक लाने के लिए मिश्रा जी से कुछ पैसे उधार लेने की सोच से वह पुलिस स्टेशन की तरफ चल रहा था कि रस्ते में उसन

संस्कार - मां बाप का गर्व

अजी सुनते हो,बिटिया के लिए अच्छा सा लड़का देखकर इसकी शादी कर दीजिए।आजकल जमाना बहुत खराब है- पत्नी ने अपने पति से चिंता जताते हुए कहा। पति ने भी हामी भरते हुए कहा- हां भाग्यवान!तुम सही कह रही हो,गांव में नारायण दास की बेटी ने भी भागकर शादी कर ली,पूरे गांव में नाक कट गई बेचारे की। नहीं-नहीं हमारी बिटिया ऐसी नहीं है,हमने भला उसे पालने में कोई कमी छोड़ी है,हमने उसे संस्कार दिए है। बरामदे में खड़ी उनकी लाडली बेटी सरोज यह सब सुन रही थी।अरे बेटी!तुम कब आई?पापा ने सकपकाते हुए पूछा। पापा मुझे शादी नहीं करनी!बेटी सरोज ने हिम्मत करते हुए कहा।कमरे में खामोशी छा गई।पापा मुझे वो सब नहीं करना जो एक लड़की हमेशा से करती आई है।मुझे शादी के बन्धन में मत बांधो।मुझे समाज के लिए कुछ करना है,आपका नाम रोशन करना है,मुझे भारत देश का नाम रोशन करना है पापा!सरोज ने एक सांस में सब कुछ बोल दिया। बचपन में जीवों पर दया करने का पाठ पढ़ाने वाली मां व समाज सेवा से ईश्वर प्राप्ति का पाठ पढ़ाने वाले पापा,दोनों अपनी बेटी के मुख से यह बात सुनकर अचंभित रह गए।पापा ने हिम्मत करते हुए कहा-समाज क्या कहेगा बेटी?लोग क्या कहेंग

मोदी के सामने 2019 राहुल गांधी की बजाय ये नेता रहेंगे ज्यादा प्रभावी

लोकसभा चुनाव 2019 को मद्देनजर रखते हुए सभी विपक्षी पार्टियों ने मोदी को हराने के लिए महागठंधन किया है।बीजेपी की तरफ से पीएम का उमीदवार नरेंद्र मोदी ही होंगे।अगर विपक्षी पार्टियों कि बात करें तो इसमें सबसे उपर नाम राहुल गांधी का ही है।राहुल गांधी मोदी के सामने कमजोर नजर आते है।अगर राहुल गांधी की बजाय इन दो नेताओं को मैदान में उतारा जाए तो अलग ही नजारा बन सकता है। 1.अखिलेश यादव – अगर मोदी के सामने एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी की बात करे तो राहुल गांधी के बाद उनका ही नाम आता है।अखिलेश यादव एक उभरते व युवा नेता है जो कि एक अच्छे प्रतिद्वंद्वी माने जा सकते है।यह हम इसलिए कह रहे है क्योंकि राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाना इस समय सही नहीं होगा क्योंकि राहुल गांधी ने आज के युवा पीएम की छवि नहीं देख पा रहे है। 2.मायावती– बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती भी एक अच्छी पीएम उम्मीदवार बन सकती है।मायावती एक पिछड़े वर्ग से आती है तो पीएम पद की इनकी दावेदारी में भी काफी मजबूती आती है।यह एक अच्छी राजनेता मानी जाती है।पिछड़ा वर्ग से होने के कारण इनको भी अच्छी खासी पीएम उम्मीदवार माना जा सकता है।

जानिए लोकसभा 2019 में कांग्रेस की हार होने के 3 अहम सबूत

आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।अब सभी दल इस रणनीति में है कि मोदी को किस तरह घेरा जाए।कांग्रेस ने सभी क्षेत्रीय दलों को मोदी क खिलाफ उतारने की पुरानी रणनीति अपनाई है जो कि ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाएगी। अगर कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाकर मैदान जितने कि फिराक के है तो यह हरगिज नहीं हो पाएगा। हम आपके सामने 3 अहम सबूत बताने जा रहे है जो कांग्रेस कि हार का मुख्य कारण होंगे। 1.अन्य सभी दलों के साथ गठबन्धन करना पड़ेगा भारी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को हराने के लिए सालो से चली आ रही रणनीति बनाई है जो कि पुरानी हो चुकी है।ज्यादातर वोटर नई पीढ़ी क नौजवान है जो सब समझते है।युवा मोदी को अपना आइकन मानते है व उनको अपने वश मे करना कांग्रेस के वश की बात नहीं है।कुछ दिन पहले एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाली पार्टियां जब अकेली बीजेपी के विरूद्ध एकजुट हो जाएगी,यानी गठबन्धन कर लेगी तो यह उनके लिए अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।आजकल सोशल मीडिया का जमाना है और लोग पहले के भाषण को ढूंढ ढूंढ कर उनके मज़े लेंगे यानी

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